चंदमामा पत्रिका का क्या हुआ?

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चंदमामा पत्रिका का क्या हुआ?
चंदमामा पत्रिका का क्या हुआ?
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पत्रिका ने 1998 में श्रम विवादों के कारण प्रकाशन बंद कर दिया। हालांकि, पत्रिका एक साल बाद फिर से शुरू हुई। यह 12 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में उपलब्ध था। कई दशकों तक, चंदामामा के चित्रकारों ने पत्रिका के स्वरूप को परिभाषित किया।

क्या चंदामामा पत्रिका उपलब्ध है?

चंदमामा स्टोरीबुक अब मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं, बचपन की यादें वापस लाता है। … बेहद लोकप्रिय चंदामामा पत्रिका बच्चों के लिए एक क्लासिक भारतीय मासिक पत्रिका थी जिसमें पौराणिक और ऐतिहासिक कहानियों को दर्शाया गया था। यह अपने दृष्टांतों के लिए प्रसिद्ध था।

चंदामामा का प्रकाशन किसने किया?

विश्वनाथ रेड्डी को उनके पिता ने 1965 में चंदामामा का प्रकाशक बनाया था। और, 1975 के बाद से, उन्होंने संपादक के रूप में भी काम किया है। पत्रिका ने 1998 में "श्रम विवादों के कारण" प्रकाशन बंद कर दिया था, लेकिन एक साल बाद फिर से शुरू किया गया था और हर महीने प्रकाशित (लगभग 160,000 प्रतियां) जारी है।

चंदा मामा का क्या मतलब है?

कन्नड़ और तेलुगु में चंदामामा का अर्थ है चाँद। इसका उल्लेख हो सकता है: चंदामामा, एक भारतीय मासिक पत्रिका जो बच्चों और युवाओं पर केंद्रित है।

हम चंदा मामा क्यों कहते हैं?

जो बहनें दूर रहकर घर नहीं जा सकतीं, वे चंद्र देव के माध्यम से भाइयों की लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं। … यही कारण है कि हिंदू माता-पिता के बच्चे प्यार से और चांद को प्यार से चंदा मामा कहते हैं। (चंदा …. चंद्रमा है और मामा का अर्थ हैमाँ का भाई).

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