'संकीर्ण घरेलू दीवारें' वर्ग, जाति, पंथ, रंग, धर्म और अन्य तत्वों की बाधाएं हैं जो लोगों को एक दूसरे से विभाजित करती हैं। … 'संकीर्ण घरेलू दीवारें' बाधाएं हैं जिन्हें लोगों ने जानबूझकर पुरुषों को उनके धर्म, रंग, जाति, वर्ग आदि के अनुसार विभाजित करने के लिए बनाया है।
संकीर्ण घरेलू दीवारों का क्या मतलब है?
संकीर्ण घरेलू दीवारें जाति, पंथ, धर्म, रंग और अंधविश्वास की हैं। जो लोग इस प्रकार की दीवारों में फंस गए हैं, वे अपने पूरे जीवन में कभी भी प्रगति की सफलता हासिल नहीं कर पाएंगे। इस कारण व्यक्ति ही नहीं देश की प्रगति भी प्रभावित होगी।
वे कौन सी संकरी घरेलू दीवारें हैं जिनका उल्लेख टैगोर ने अपनी कविता में किया है जहां मन भयमुक्त है?
उत्तर: जाति व्यवस्था, सामाजिक वर्ग, धर्म, रंग, पंथ आदि जैसी संकीर्ण घरेलू दीवारों से दुनिया टुकड़ों में टूट गई है।
क्या संकीर्ण घरेलू दीवारें एक मुहावरा है?
'संकीर्ण घरेलू दीवारों' वाक्यांश का प्रयोग वाक्य में निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है: 1. शिक्षा देश में संकीर्ण घरेलू दीवारों से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा उपाय है.
जहां संकीर्ण घरेलू दीवारों से दुनिया को टुकड़ों में नहीं तोड़ा गया है मतलब?
उत्तर: व्याख्या: दुनिया की घरेलू दीवारों के विखंडन के लिए जिम्मेदार लोगों के संकीर्ण विचार और शब्द संदर्भ में उन को परिभाषित करते हैं जो भय, झूठ को बाहर लाते हैंकहा जाता है, स्पष्ट कारण खो गया था और मन भगवान के नेतृत्व में नहीं है।