समझाओ: "जिसमें हम सब झूठ बोलेंगे।" कवि कहता है कि अपने-अपने जीवन के अंत में हम सभी सब एक ही धरती में दबे रहेंगे। उसका मतलब है हमारा ध्यान उस सामान्य भाग्य की ओर आकर्षित करना जो हमारी राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना हमारा इंतजार कर रहा है।
आखिर जवाब में हम सब कहाँ झूठ बोलेंगे?
उत्तर: हम सब एक ही पृथ्वी पर चलते हैं। 4. हम सब अंत में कहाँ झूठ बोलेंगे? उत्तर: अंत में, हम सब पृथ्वी पर झूठ बोलेंगे।
जिसमें हम सब झूठ बोलेंगे मतलब?
'जिस भूमि पर हमारे भाई चलते हैं। क्या पृथ्वी ऐसी है, जिसमें हम सब झूठ बोलेंगे!' … इन पंक्तियों में कवि के कहने का अर्थ है कि यह वही भूमि है जिस पर हम चलते हैं और हमारी मृत्यु के बाद उसी धरती में दफन हो जाएंगे। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि हमें बताता है कि हम अपनी सारी गतिविधियाँ एक ही भूमि पर करते हैं।
एक ही पंक्ति से कविता के आरंभ और अंत में कवि किस बात पर जोर देता है?
उत्तर: एक ही पंक्ति से कविता का आरंभ और अंत करके कवि अपने भाईचारे की भावना की एकता के अपने संदेश पर जोर देता है। … कवि चाहता है कि लोग अपने साथी मनुष्यों से प्रेम करें क्योंकि सभी पुरुष भाई हैं।
कविता के आधार पर आप कैसे कह सकते हैं कि हम सब एक ही चर्चा कर रहे हैं?
⏩⏩ कवि कहते हैं कि (इस दुनिया में) कोई भी आदमी अजीब नहीं है और कोई भी देश विदेशी नहीं है। हम सब इंसान हैं। हमारे पास एक आम आत्मा है। यह सच है कि हमारी त्वचा अलग-अलग रंग की हो सकती है लेकिन हमारी आत्मावही है।