धर्मशास्त्र का प्रतिपादक कौन है ?

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धर्मशास्त्र का प्रतिपादक कौन है ?
धर्मशास्त्र का प्रतिपादक कौन है ?
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डॉंटोलॉजिकल सिद्धांतों को परिभाषित करने वाले पहले महान दार्शनिक इमैनुएल कांट थे, जो 18वीं सदी के जर्मन आलोचनात्मक दर्शन के संस्थापक थे (कांटियनवाद देखें)।

डॉंटोलॉजी मॉडल का प्रतिपादन किसने किया?

आधुनिक सिद्धांतवादी नैतिकता इमैनुएल कांट द्वारा 18वीं शताब्दी के अंत में, स्पष्ट अनिवार्यता के अपने सिद्धांत के साथ पेश की गई थी।

निम्नलिखित में से कौन सा दार्शनिक सिद्धांतवाद का मुख्य प्रस्तावक है?

इमैनुएल कांट, सिद्धांत के प्रसिद्ध प्रस्तावक, ने 1788 में एक धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतवादी नैतिक सिद्धांत का सबसे प्रभावशाली रूप तैयार किया।

नैतिक नियमों का प्रस्तावक कौन है?

प्राचीन ग्रीक दार्शनिक प्लेटो (428-348 ईसा पूर्व) ने नैतिक वस्तुवाद का सबसे प्रभावशाली सिद्धांत विकसित किया।

3 प्राकृतिक नियम क्या हैं?

स्वार्थ का नियम: लोग अपने भले के लिए काम करते हैं। प्रतिस्पर्धा का नियम: प्रतिस्पर्धा लोगों को बेहतर उत्पाद बनाने के लिए मजबूर करती है। आपूर्ति और मांग का नियम: बाजार अर्थव्यवस्था में मांग को पूरा करने के लिए न्यूनतम संभव कीमत पर पर्याप्त माल का उत्पादन किया जाएगा।

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