भारत में मानसून के पीछे हटने का मौसम कौन सा है?

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भारत में मानसून के पीछे हटने का मौसम कौन सा है?
भारत में मानसून के पीछे हटने का मौसम कौन सा है?
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अक्टूबर-नवंबर के महीनों के दौरान, दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाएं कमजोर हो जाती हैं और उत्तर भारत के आसमान से पीछे हटने लगती हैं। मानसून के इस चरण को पीछे हटने वाले मानसून के रूप में जाना जाता है।

मानसून के पीछे हटने का मौसम क्या है?

संकेत: अक्टूबर की शुरुआत में दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है। इसलिए, अक्टूबर और नवंबर के महीने पीछे हटने वाले मानसून के लिए जाने जाते हैं। पूरा उत्तर: पीछे हटने वाले मानसून की शुरुआत के साथ, आसमान साफ हो जाता है और बादल गायब हो जाते हैं।

कक्षा 9 का मानसून पीछे हटना क्या है?

साधारण शब्दों में पीछे हटने का अर्थ है निकासी। इसलिए, अक्टूबर और नवंबर के महीनों के दौरान उत्तर भारत के आसमान से दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाओं की वापसी को पीछे हटने वाले मानसून के रूप में जाना जाता है। निकासी धीरे-धीरे होती है और इसमें लगभग तीन महीने लगते हैं।

भारत में मानसून के मौसम क्या हैं?

मानसून या बरसात का मौसम, जून से सितंबर तक चलने वाला। इस मौसम में आर्द्र दक्षिण-पश्चिम ग्रीष्म मानसून का प्रभुत्व होता है, जो मई के अंत या जून की शुरुआत में धीरे-धीरे पूरे देश में फैल जाता है। अक्टूबर की शुरुआत में उत्तर भारत से मानसून की बारिश कम होने लगती है। दक्षिण भारत में आमतौर पर अधिक वर्षा होती है।

भारत के किन राज्यों में लौटते मानसून से बारिश होती है?

तमिलनाडु का राज्य अपनी अधिकांश वर्षा पीछे हटने वाले मानसून से प्राप्त करता है।

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