जब मोर भगवान कृष्ण को देखते हैं, तो वह उन्हें बारिश की याद दिलाते हैं और इस तरह उन्हें बहुत खुश करते हैं। साथ ही, उनका संगीत और उनकी सांवली त्वचा उन्हें बेहतर नृत्य करने में मदद करती है। इस प्रकार कृतज्ञता के रूप में, वे उसे अपने पंख देते हैं जिसे वह खुशी-खुशी स्वीकार करता है और अपने बालों में रखता है।
कृष्ण को मोर पंख किसने दिया?
1. राधा का चिन्ह: कहा जाता है कि एक बार श्रीकृष्ण राधा के साथ नृत्य कर रहे थे, तभी उनके साथ नृत्य कर रहे एक मोर का पंख जमीन पर गिर गया, भगवान कृष्ण ने उसे उठाकर अपने सिर पर रख लिया।
मोर पंख किसका प्रतीक है?
सामान्यताएं: सकारात्मक- मोर पंख गौरव, और विस्तार से, बड़प्पन और महिमा का प्रतिनिधित्व करते हैं। मोर बिना किसी दुष्प्रभाव के जहरीले पौधों को खाने के लिए जाने जाते हैं, जिससे उनके पंख अविनाशीता और अमरता का प्रतीक बन जाते हैं। … इस प्रकार पंख उसके गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं: दया, धैर्य और सौभाग्य।
कृष्णावल कृष्ण का प्रतीक क्या है?
प्याज शंख और चक्र के आकार के कारण इसे 'कृष्णवल' कहा जाता है। दोनों भगवान श्री कृष्ण के हथियार हैं।
मोर पंख का क्या उपयोग है?
मोर पंख की विशेषता शांति बनाए रखने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाने के लिए जानी जाती है। साथ ही यह आपके घर में धन और समृद्धि लाता है। यह पंख छिपकलियों और मच्छरों को भगाने में कारगर है।