[13] परन्तु हे भाइयो, मैं नहीं चाहता कि तुम उनके विषय में जो सोए हुए हो, अज्ञानी रहो, कि तुम औरों की नाईं जिन्हें कोई आशा नहीं है, दु:ख मत करो। … [15] क्योंकि हम तुम से यहोवा के वचन के द्वारा यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं और प्रभु के आने तक बने रहेंगे, जो सोए हुए हैं उनको न रोक पाएंगे।
जो सो गए हैं उनके बारे में अनजान मत बनो?
भाइयों, हम नहीं चाहते कि आप उन लोगों के बारे में अनभिज्ञ रहें, जो सो जाते हैं, या बाकी लोगों की तरह शोक मनाते हैं, जिन्हें कोई उम्मीद नहीं है। हम मानते हैं कि यीशु मर गया और फिर से जी उठा और इसलिए हम मानते हैं कि परमेश्वर यीशु के साथ उन लोगों को लाएगा जो उसमें सो गए हैं।
बाइबल में कहाँ कहा गया है कि अध्ययन को चुप रहना चाहिए?
1 थेसालोनियन iv. 11। और यह कि तुम चुप रहने के लिये और अपना काम करने के लिये अध्ययन करो।
केजेवी की सबसे बड़ी आज्ञा कौन सी है?
[37] यीशु ने उस से कहा, तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि से प्रेम रखना। [38] यह पहली और बड़ी आज्ञा है। [39] और उसके समान दूसरा भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना।
क्या उनके संतों की मृत्यु है?
प्रभु की दृष्टि में अनमोल है अपने संतों की मृत्यु है। हे यहोवा, सचमुच मैं तेरा दास हूं; मैं तेरा दास, तेरी दासी का पुत्र हूं; तूने मुझे मेरी जंजीरों से छुड़ाया है। मैं तेरे लिथे धन्यवादबलि चढ़ाऊंगा, और यहोवा से प्रार्थना करूंगा।