हैदराबाद के निज़ाम 1798 में एक अच्छी तरह से तैयार सहायक गठबंधन को स्वीकार करने वाले पहले व्यक्ति थे। तीसरे एंग्लो-मराठा युद्ध (1817-19) के बाद, मराठा शासक बाजी राव II ने एक सहायक गठबंधन भी स्वीकार किया।
सबसे पहले सहायक गठबंधन को किसने स्वीकार किया?
सहायक गठबंधन प्रणाली सबसे पहले फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी के गवर्नर जोसेफ फ्रेंकोइस डुप्लेक्स द्वारा पेश की गई थी। इसे बाद में लॉर्ड वेलेस्ली द्वारा इस्तेमाल किया गया जो 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर-जनरल थे। अपने शासन के प्रारंभ में, लॉर्ड वेलेजली ने रियासतों में गैर-हस्तक्षेप की नीति अपनाई।
अंग्रेजों के साथ सहायक गठबंधन संधि पर किसने हस्ताक्षर किए?
सहायक गठबंधन का सिद्धांत मार्क्वेस (या लॉर्ड) वेलेस्ली, ब्रिटिश भारत के गवर्नर-जनरल द्वारा 1798 से 1805 तक पेश किया गया था। इस सिद्धांत के तहत, ब्रिटिश संरक्षण के तहत भारतीय शासकों ने अपने विदेशी मामलों का नियंत्रण अंग्रेजों को सौंप दिया। हैदराबाद ने पहले इस पर हस्ताक्षर किए।
किस राज्यों ने सहायक गठबंधन को स्वीकार नहीं किया?
यह गठबंधन प्रणाली भारतीय राज्यों को ब्रिटिश सरकार के अधिकार क्षेत्र में लाने के लिए स्थापित की गई थी। यह व्यवस्था सबसे पहले हैदराबाद के निजाम के शासक पर थोपी गई थी, लेकिन कई शासकों ने इस व्यवस्था को मानने से इनकार कर दिया। पूरा उत्तर: सहायक गठबंधन को होल्कर राज्य इंदौर द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था।
निजाम ने सबसे पहले सहायक गठबंधन को क्यों स्वीकार किया?
नोट:लॉर्ड वेलेस्ली ने पहली सहायक कंपनी पर हस्ताक्षर किएसंधि। 1798 में हैदराबाद के निज़ाम के साथ सहायक संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। निज़ाम को अपने फ्रांसीसी-प्रशिक्षित सैनिकों को रिहा करना था और छह बटालियनों की एक सहायक सेना को बनाए रखना था।