ज्योतिर्लिंग इतिहास क्या है?

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ज्योतिर्लिंग इतिहास क्या है?
ज्योतिर्लिंग इतिहास क्या है?
Anonim

किंवदंती है कि सदियों पहले, भगवान ब्रह्मा और विष्णु एक दूसरे पर वर्चस्व स्थापित करने के लिए युद्ध में गए थे। … शिव स्तंभ से निकले और ब्रह्मा को श्राप दिया कि उनकी अनंत काल तक पूजा नहीं की जाएगी और विष्णु को उनकी पवित्रता के लिए आशीर्वाद दिया। इस दीप्ति के स्तंभ को 'ज्योतिर्लिंग' कहा जाता है।

इसे ज्योतिर्लिंग क्यों कहा जाता है?

एक ज्योतिर्लिंग या ज्योतिर्लिंगम, हिंदू भगवान शिव का एक भक्ति प्रतिनिधित्व है। यह शब्द 'ज्योति' और लिंग का संस्कृत यौगिक है।

ज्योतिर्लिंग की विशेषता क्या है?

ज्योतिर्लिंग एक मंदिर है जहां भगवान शिव की पूजा एक ज्वलंत स्तंभ के रूप में की जाती है। 'ज्योति' का अर्थ है 'चमक' और लिंगम, शिव लिंगम- सर्वशक्तिमान या फलस प्रतीक का 'चिह्न या चिन्ह'। इसलिए, ज्योतिर्लिंगम का अर्थ है सर्वशक्तिमान का उज्ज्वल चिन्ह।

ज्योतिर्लिंग का निर्माण किसने करवाया था?

उन दोनों के बीच युद्ध हुआ और भगवान शिव उन्हें धूल चटा दिया। सभी देवताओं ने भगवान शिव से इस स्थान को अपना घर बनाने के लिए कहा। इससे उन्हें भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाने वाला एक नया रूप मिला। यह भी माना जा रहा है कि भगवान शिव का जो पसीना युद्ध के दौरान निकला वह भीमा नदी ही है।

पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है?

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात। 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला माना जाता है, गुजरात में सोमनाथ मंदिर काठियावाड़ जिले (प्रभास क्षेत्र) में वेरावल के पास स्थित है।

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