प्राचीन जंगल उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में गोमती नदी के किनारे स्थित आधुनिक निमसार से मेल खाता है, भारत।
नैमिषारण्य क्यों प्रसिद्ध है?
नैमिषारण्य उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल बनाता है, जहां भक्तों को न केवल भगवान का आशीर्वाद लेने का अवसर मिलता है, बल्कि मन की शांति भी मिलती है। धार्मिक स्थल के रूप में, नैमिषारण्य ललिता देवी मंदिर, श्री नारद मंदिर और बालाजी मंदिर जैसे मंदिरों से परिपूर्ण है।
भारत में नैमिषारण्य वन कहाँ है?
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में लखनऊ से 90 किमी दूर स्थित, यहीं पर महर्षि कृष्ण द्विपायन, जिन्हें व्यास के नाम से जाना जाता है, ने वेदों को चार भागों में विभाजित किया और 18 पुराणों का संकलन किया। नैमिषारण्य का उल्लेख महाकाव्यों, रामायण और महाभारत में भी मिलता है। समय के साथ, वनों की कटाई ने जंगल को छोटा कर दिया।
नैमिषारण्य किस जिले में है?
जिला सीतापुर, उत्तर प्रदेश सरकार | नीमसर/नैमिषारण्य/पंच दधाम की भूमि | भारत।
मैं नैमिषारण्य कैसे पहुँच सकता हूँ?
नैमिषारण्य कैसे पहुंचे
- हवा से। नैमिषारण्य का निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ में चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा है। …
- रेल द्वारा। नैमिषारण्य से निकटतम रेलवे स्टेशन सीतापुर रेलवे स्टेशन है, जो देश के कुछ प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। …
- सड़क से।