1855 में, लिविंगस्टोन ने एक शानदार जलप्रपात की खोज की जिसे उन्होंने 'विक्टोरिया फॉल्स' नाम दिया। वह मई 1856 में हिंद महासागर में ज़ाम्बेज़ी के मुहाने पर पहुँचे, दक्षिणी अफ्रीका की चौड़ाई को पार करने वाले पहले यूरोपीय बन गए।
विक्टोरिया जलप्रपात की खोज कब हुई थी?
डेविड लिविंगस्टोन ने 1855 में जलप्रपात की खोज की, स्थानीय बटोंगा लोगों ने उनका नाम मोसी-ओ-तुन्या, 'धुआं जो गड़गड़ाहट' रखा था। लिविंगस्टोन ने उनका नाम अपनी रानी के लिए रखा।
लिविंगस्टन ने विक्टोरिया जलप्रपात कब देखा था?
1855 में डेविड लिविंगस्टोन विक्टोरिया फॉल्स (आधुनिक ज़ाम्बिया और ज़िम्बाब्वे की सीमा पर) देखने वाले पहले यूरोपीय बने; उसने उनका नाम महारानी विक्टोरिया के नाम पर रखा। उसी अभियान में वह अफ्रीकी महाद्वीप की चौड़ाई को पार करने वाले पहले यूरोपीय बने।
क्या लिविंगस्टोन ने विक्टोरिया जलप्रपात की खोज की थी?
1855 में, लिविंगस्टोन ने एक शानदार जलप्रपात की खोज की जिसे उन्होंने 'विक्टोरिया फॉल्स' नाम दिया। वह मई 1856 में हिंद महासागर में ज़ाम्बेज़ी के मुहाने पर पहुँचे, दक्षिणी अफ्रीका की चौड़ाई को पार करने वाले पहले यूरोपीय बन गए।
डॉ लिविंगस्टोन ने जलप्रपात की खोज कब की थी?
16 नवंबर 1855 को, डेविड लिविंगस्टोन ने पहली बार झरने पर नजर रखी, जो उनके जीवन की कहानी को परिभाषित करेगा, जिसे उन्होंने अपनी रानी को सम्मानित करने के लिए विक्टोरिया फॉल्स का नाम दिया।