फुलानी, जिसे प्यूल या फुल्बे भी कहा जाता है, एक मुख्य रूप से मुस्लिम लोग पश्चिम अफ्रीका के कई हिस्सों में बिखरे हुए हैं, पूर्व में चाड झील से लेकर अटलांटिक तट तक। वे मुख्य रूप से नाइजीरिया, माली, गिनी, कैमरून, सेनेगल और नाइजर में केंद्रित हैं।
फुलानियों की उत्पत्ति कहाँ से हुई थी?
फुलानी मूल रूप से खानाबदोश चरवाहे हैं जो सेनेगल से लेकर कैमरून घास के मैदानों तक।
क्या फुलानी और हौसा एक ही हैं?
हौसा और फुलानी दो जातीय समूह हैं जो पहले अलग-अलग थे लेकिन अब एक अविभाज्य जातीय राष्ट्र के रूप में माने जाने की हद तक परस्पर जुड़े हुए हैं। … शिक्षा, पोशाक, स्वाद और दृष्टिकोण में, हौसा और उनके फुलानी विजेता इस्लामी संस्कृति की दुनिया का हिस्सा बन गए। यह प्रभाव आज तक बना हुआ है।
फुलानी कौन हैं और वे किस लिए जाने जाते हैं?
फुलानी लोग, जिन्हें फुल्बे (pl. Pullo) या Peul भी कहा जाता है, दूध के कटोरे जैसी उपयोगी वस्तुओं की नाजुक सजावट के लिए जाने जाते हैं जो उनके खानाबदोश और देहाती को दर्शाते हैं जीवन शैली। पश्चिम अफ्रीका में फुलानी का इतिहास पांचवीं शताब्दी ईस्वी में शुरू होता है
फुलानी कब नाइजीरिया चले गए?
उत्तरी नाइजीरिया के हौसा साम्राज्य का फुलानी विजय और शासन (1804-1900)