बख्तियार खिलजी ने 1202 ई. में नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया। मुहम्मद बख्तियार खिलजी एक तुर्क आक्रमणकारी था। उस समय बख्तियार खिलजी ने उत्तर भारत में बौद्धों द्वारा शासित कुछ क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था और एक बार वे काफी बीमार हो गए थे।
नालंदा विश्वविद्यालय को सबसे पहले किसने नष्ट किया?
अभिलेखों के अनुसार आक्रमणकारियों द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय को तीन बार नष्ट किया गया था, लेकिन केवल दो बार पुनर्निर्माण किया गया था। पहला विनाश मिहिरकुल के तहत हूणों स्कंदगुप्त (455-467 ईस्वी) के शासनकाल के दौरान हुआ था।
नालंदा विश्वविद्यालय को किसने जलाया?
नालंदा को तीन बार नष्ट किया गया था लेकिन केवल दो बार फिर से बनाया गया था। सी में बख्तियार खलजी के तहत दिल्ली सल्तनत के मामलुक राजवंश की एक सेना द्वारा इसे तोड़फोड़ और नष्ट कर दिया गया था। 1202 सीई।
तक्षशिला को किसने नष्ट किया?
तक्षशिला को श्वेत हूणों द्वारा जला दिया गया था और नालंदा को खिलजी 1196 द्वारा जला दिया गया था। बाबर, पहला मुगल, 1526 में आया था।
नालंदा विश्वविद्यालय किसने बनाया?
टिप्पणियां: कुछ पुरातात्विक स्रोत नालंदा विश्वविद्यालय के संस्थापक के रूप में शकरादित्य नामक सम्राट की पहचान करते हैं। विद्वान शकरादित्य की पहचान 5वीं शताब्दी के गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम के रूप में करते हैं, जिनका सिक्का नालंदा में खोजा गया है।