मूसा इस्राएलियों को मिस्र की बंधुआई से निकालकर वादा किए हुए देश में ले गया। परमेश्वर ने उन्हें दिन को बादल के खम्भे और रात को आग के खम्भे के रूप में दिखाई देने के द्वारा उन्हें मार्ग दिखाया (निर्गमन 13:21-22)।
परमेश्वर ने इस्राएलियों का मार्गदर्शन कैसे किया?
उसने दिन के समय इस्राएलियों को बादल के खम्भे सेमार्ग दिखाया। उसने रात में उनका मार्गदर्शन करने के लिए आग का एक खंभा प्रदान किया।
निर्गमन में इस्राएलियों ने क्या किया?
इस्राएली सिनाई रेगिस्तान तक पहुँचते हैं और यहोवा मूसा को सीनै पर्वत पर बुलाता है, जहाँ यहोवा अपने लोगों के सामने खुद को प्रकट करता है और दस आज्ञाएँ और मूसा की वाचा स्थापित करता है: इस्राएलियों को पालन करना है उसका तोराह (अर्थात् कानून, निर्देश), और बदले में वह उन्हें कनान देश देगा।
परमेश्वर ने मूसा और इस्राएलियों का मार्गदर्शन कैसे किया?
परमेश्वर ने मूसा को आदेश दिया कि वह अपनी लाठी लाल समुद्र के ऊपर बढ़ाए, और समुद्र अलग हो गया। इसने इस्राएलियों को समुद्र के पार भागने दिया, और मिस्र से दूर भाग गए। इस बीच, फिरौन और उसकी सेना ने समुद्र में चढ़ाई करके उनका पीछा किया।
मूसा ने इस्राएलियों का मार्गदर्शन कहाँ किया?
रफीदीम में अमालेकियों को हराने के बाद, मूसा ने इस्राएलियों को बाइबल के सीनै पर्वत पर ले जाया, जहां उन्हें पत्थर की पट्टियों पर लिखी गई परमेश्वर की ओर से दस आज्ञाएं दी गईं।