त्योहारों का मौसम यहाँ है जब लोहड़ी और पोंगल एक ही दिन पड़ रहे हैं- 13 जनवरी और अगले ही दिन मकर संक्रांति पड़ रही है- 14 जनवरी। लोहड़ी, पोंगल और मकर संक्रांति, तीनों त्योहार देश के फसल त्योहार हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में समान धूमधाम और शो के साथ मनाए जाते हैं।
क्या लोहड़ी और मकर संक्रांति एक ही है?
महत्व- मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है और फसल उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। लोग लोक गीत गाकर, अलाव जलाकर, रेवाड़ी और मूंगफली जैसे खाद्य पदार्थ खाकर त्योहार मनाते हैं। लोहड़ी को सर्दियों के महीनों के अंत और लंबे गर्मी के दिनों की शुरुआत का प्रतीक भी कहा जाता है।
मकर संक्रांति और लोहड़ी क्या है?
लोहड़ी महान पारंपरिक महत्व का भारतीय त्योहार है। यह मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है, जहां लोग अलाव के आसपास प्रार्थना करते हैं और जश्न मनाते हैं। … मकर संक्रांति शीत संक्रांति के साथ सर्दियों के अंत और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है।
मकर संक्रांति 2021 क्यों मनाई जाती है?
यह दिन, जिसे माघी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख फसल उत्सव है और यह सूर्य देवता सूर्य को समर्पित है, यह सूर्य के मकर में पारगमन के पहले दिन को भी चिह्नित करता है। मकर) राशि (राशि राशि) और जनवरी के महीने में मनाया जाता है। …
मकर संक्रांति के पीछे क्या कहानी है?
हर साल मकर संक्रांति महीने में मनाई जाती हैजनवरी के शीतकालीन संक्रांति को चिह्नित करने के लिए। यह त्यौहार हिन्दू धार्मिक सूर्य देवता सूर्य को समर्पित है। सूर्य का यह महत्व वैदिक ग्रंथों, विशेष रूप से गायत्री मंत्र, हिंदू धर्म का एक पवित्र भजन है जो ऋग्वेद नामक अपने ग्रंथ में पाया जाता है।